अजमेर ब्लास्ट में भावेश और देवेन्द्र को उम्र कैद की सजा

जयपुर । जयपुर की एक विशेष अदालत ने 2007 में अजमेर के सूफी ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती दरगाह परिसर में हुए ब्लास्ट मामले में दोषी करार दिए गए दो लोगों भावेश पटेल और देवेन्द्र गुप्ता को उम्र कैद की सजा सुनाई है। विशेष न्यायालय के न्यायाधीश दिनेश गुप्ता ने आज यह फैसला सुनाते हुये मुख्य आरोपी भावेश और देवेन्द्र को आजीवन कारावास की सजा दी है।

इसमें भावेश पटेल पर 10 हज़ार एवं देवेन्द्र पर पांच हज़ार रुपए का आर्थिक जुर्माना भी लगाया है। गौरतलब है कि इस मामले में कुल 14 आरोपियों में से तीन को दोषी पाया गया था जिसमें सुनील जोशी की पूर्व में ही मृत्यु हो चुकी है।

इस मामले में अदालत ने इस मामले में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रचारक इन्द्रेश कुमार, स्वामी असीमानंद तथा साध्वी प्रज्ञा सहित सात आरोपियों को पहले ही दोषमुक्त करार कर दिया था। जबकि चार आरोपी अभी तक फरार है। इन फरार आरोपियों पर दस-दस लाख रूपये का इनाम घोषित किया हुआ है।

इससे पहले 18 मार्च को फैसला सुनाया जाना था लेकिन कोर्ट ने सुनवाई बुधवार तक के लिए टाल दिया था। राष्ट्रीय जांच एजेन्सी के मामलों की विशेष अदालत के जज दिनेश गुप्ता ने 8 मार्च को सुनाए अपने फैसले में अजमेर स्थित सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह परिसर में 11 अक्टूबर 2007 को आहता ए नूर पेड़ के पास हुए बम विस्फोट मामले में देवेन्द्र गुप्ता, भावेश पटेल और सुनील जोशी को दोषी करार दिया था। इस बम विस्फोट में तीन लोगों की मृत्यु हो गई थी, जबकि करीब 15 लोग घायल हुए थे।

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