क्या माफ़ी मांगने से ज़िंदा हो जायेगा शब्बीर

श्रीनगर । कश्मीर में अशांति के बीच सेना ने शुक्रवार को कहा कि स्कूल टीचर के मारे जाने जैसी घटनाओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा । बता दें कि बुधवार देर रात सेना की कार्रवाई में 32 वर्षीय एक स्कूल टीचर शब्बीर की मौत हो गई थी। शब्बीर की मौत के मामले में भले ही सेना ने माफ़ी तलब की हो लेकिन क्या इस माफ़ी से शब्बीर ज़िंदा हो जायेगा ?

उत्तरी सैन्य कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल डीएस हुड्डा ने बताया, ‘इस तरह की कार्रवाइयों को मंजूरी नहीं दी गई है, यह अनुचित है। कोई इसका समर्थन नहीं करता है और इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ‘

उन्होंने कहा कि इस घटना की जांच का आदेश दिया गया है। यह घटना श्रीनगर से करीब 40 किमी दूर पुलवामा जिले के ख्रेव इलाके की है. आरोप है कि महिला टीचर को बुरी तरह से पीटा गया, जिससे उसकी मौत हो गई।

बीते 17 अगस्त और 18 अगस्त की दरमयानी रात में सैन्यकर्मियों की कार्रवाई में टीचर शब्बीर अहमद मोंगा की मौत हो गई और 18 अन्य घायल हो गए थे, सैनिक इस इलाके में छापेमारी कर रहे थे।

शब्बीर के परिजनों का कहना है कि सैनिकों ने उनके साथ मारपीट की, हमारे शीशे तोड़ दिए और घर में तोड़फोड़ की। उन्होंने घटना को याद करते हुए बताया कि सैनिक उनके घर में घुस आए, आदमियों के खींचकर बाहर ले गए और उन्हें मारने लगे।

हालाँकि कश्मीर में सुरक्षा बलो द्वारा किसी निर्दोष को मारने और माफ़ी मांगने की यह पहली घटना नहीं है, लेकिन एक अहम् सवाल यह भी है कि जिसके परिवार ने अपने सदस्य को खोया है उसे न्याय कहाँ मिला ? क्या माफ़ी मांगने से पीड़ित परिवार का भरणपोषण मुमकिन है ? इन मुद्दों पर देश के सुरक्षा बलो और सरकार को सहानुभूति पूर्वक विचार करने की आवश्यकता है ।

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TeamDigital