जलियांवाला बाग में मरने वाले सिर्फ हिंदू, सिख या मुसलमान नहीं थे, वे हिन्दुस्तानी थे : राहुल

पटना। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को कहा कि महात्मा गांधी के नेतृत्व में देश के सभी पंथों के लोगों ने एकजुट होकर आजादी की लड़ाई में हिस्सा लिया। देशभर के स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मानित करने के लिए यहां आयोजित एक समारोह में राहुल ने कहा, “सभी ने एक होकर अजादी की लड़ाई लड़ी और हम आजाद हुए।”

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने ब्रिटिशों के खिलाफ स्वतंत्रता संग्राम के दौरान महात्मा गांधी द्वारा चलाए गए चंपारण सत्याग्रह के शताब्दी वर्ष के अवसर पर यहां 100 से अधिक स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मानित किया। राहुल ने कहा कि महात्मा गांधी ने विभिन्न धर्मो और विविध क्षेत्रों के लोगों को एकजुट किया।

राहुल ने कहा कि सत्ता और सच्चाई में अंतर हो सकता है। उन्होंने कहा, “जरूरी नहीं है कि जिनके पास सत्ता हो, वे सच्चे भी हों।” राहुल ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ महात्मा गांधी के आजादी के आंदोलन के संदर्भ में यह बात कही।

राहुल ने कहा, “हिंदुत्व सच्चाई के अलावा और कुछ नहीं है। यह धर्म हमें सच्चाई का समर्थन करने और अन्याय के खिलाफ लड़ने की शिक्षा देता है। गीता हमें क्या सिखाती है, यही कि सिर्फ सत्य बोलें और सत्य का ही आचरण करें।”

उन्होंने कहा कि जलियांवाला बाग में मरने वाले सिर्फ हिंदू, सिख या मुसलमान नहीं थे, वे हिन्दुस्तानी थे। राहुल ने कहा, “अगर कोई नफरत फैलाना चाहता है और लोगों को बांटना चाहता है, तो अंतत: ऐसे लोग सच्चाई के सामने हार जाएंगे।”

उन्होंने तिरंगा की चर्चा करते हुए कहा, “यह तिरंगा सिर्फ कपड़े का टुकड़ा ही नहीं है, इसके पीछे रिश्ते हैं, भाईचारा है, प्यार है।” राहुल ने सौ साल पूर्व के चंपारण सत्याग्रह को याद करते हुए कहा कि महात्मा गांधी ने अपने सत्याग्रह से भारत के लोगों के भीतर का डर दूर भगाया और उनमें आत्मविश्वास जगाया।

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