मुस्लिमो में तलाक की दर अन्य धर्मो की तुलना में कम

जयपुर। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने दावा किया है कि मुस्लिम समुदाय में तलाक की दर अन्य धर्मो की तुलना में कम है। एआईएमपीएलबी की महिला विंग के मुख्य संयोजक असमा जोहरा ने ईदगाह में एक कार्यशाला में 20,000 महिलाओं की सभा को संबोधित किया।

उन्होंने कहा कि कुछ लोग ऐसा माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं कि मुस्लिम समुदाय में तलाक अधिक लिए जाते हैं। जोहरा ने आरोप लगाया कि यह मुस्लिम समुदाय को बदनाम करने की साजिश है और महिलाओं के अधिकारों के नाम पर समुदाय की सामाजिक संरचना को तोड़ने का प्रयास है।

उन्होंने कहा कि मुस्लिम महिलाओं के लिए यह समय है, जब उन्हें शरिया और इस्लाम में दिए गए अपने अधिकारों के बारे में जानना चाहिए। इसके साथ ही उन्हें यह बात दूसरों को भी बतानी चाहिए कि उन्हें क्या अधिकतम अधिकार दिए गए हैं।

एआईएमपीएलबी की सदस्य यास्मीन फारुकी ने कहा कि ऐसा दिखाया जा रहा है कि मुस्लिम महिलाएं शिक्षित नहीं हैं और उन्हें आसानी से बेवकूफ बनाया जा सकता है। मगर, ऐसा मामला नहीं है। मुसलमान महिलाएं शरिया के पक्ष में खुलकर सामने आ गई हैं। केवल कुछ महिलाएं ही शरिया और ट्रिपल तालाक के खिलाफ हैं। अब बोर्ड दहेज उत्पीड़न, संपत्ति में बेटियों के समान अधिकार और विवाह में कम खर्च जैसे मामलों से निपट रहा है।

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TeamDigital