म्यांमार: नई सरकार बनने के बाद भी है मुसलमानों के लिए डर का माहोल

म्यांमार: नई सरकार बनने के बाद भी है मुसलमानों के लिए डर का माहोल

म्यांमार में नई सरकार के गठन के बाद भी मुसलमानो के लिए माहौल में कोई बदलाव नहीं आया है  । यहाँ मुसलमान अभी भी ख़ौफ़ज़दा हैं। नई सरकार के गठन से पहले यहाँ के मुसलमानो को उम्मीद थी कि म्यांमार में पूर्व सरकार के समय में मुसलमानो के खिलाफ बनाए गए माहौल में परिवर्तन आएगा लेकिन फ़िलहाल ऐसा कुछ नहीं दिखाई दे रहा ।

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म्यांमार। म्यांमार के धर्म एंव संस्कृति मंत्री थौरा आंग को ने साक्षात्कार में कहा कि म्यांमार में इस्लाम अल्पसंख्यकों का दूसरे दर्जे का धर्म है जिसके कारण 1948 में मुसलमानों ने नागरिकता हासिल की।

म्यांमार के मुसलमानों की संस्था ने इस बयान को गैरजिम्मेदाराना बताते हुए इसकी निंदा की। इस बयान में बल देकर कहा गया कि म्यांमार के संविधान में मुसलमानों का अधिकार दर्ज है। इस प्रकार एक अधिकारी ने मुसलमान महिला को पैसे के लिए गर्भवती होने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया और तीस हजार क्यात का जुर्माना लगाया।

यह मुस्लिम महिला अपने घर का सामान खरीदने के लिए बाजार जा रही थी जिसे बेकसूर गिरफ्तार कर लिया गया। रूहेंग्याई मुसलमान इस अधिकारी को उस मुस्लिम महिला के अपहरण का असली जिम्मेदार मानते हैं जिसे कुछ दिन पहले अपहरण करके वहशियाना अंदाज में ब्लात्कार करके हत्या कर दिया गया था। माना जा रहा है कि म्यांमार डेमोक्रेटिक की पहली सरकार बनने के बावजूद यहां के मुसलमान सुरक्षा और डर के माहोल में जी रहे हैं।

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TeamDigital